बिना आकलन के किए गये शराबबंदी से बिहार जैसे गरीब राज्य को कोरोना महामारी जैसे आपदा की स्थिति में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। ऐसा लग रहा है की अगर बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को वापस नहीं लिया तो बिहार की आर्थिक स्थिति आने वाले दिनों में बेहद ख़राब हो सकती है।
जानकारों की माने तो निचे लिखे कुछ कारण बिहार में शराबबंदी कानून की असफलता का सबूत देते हैं:
1. ग़रीब राज्य होने के नाते राज्य सरकार को शराब के माध्यम से करों की वसूली और कमाई मे भारी नुकसान हुआ है, जिसका सीधा असर बिहार के राजस्व और विकास कार्यों पे पर रहा है!
2. शराब के आदी लोगों ने आम तौर पर आस-पास के राज्य झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल से कहीं भी शराब पाने के लिए सबकुछ भुगतान करना शुरू कर दिया है, जिससे गलत कामों को बढ़ावा मिल रहा है!
3. प्रशासनिक और कानून व्यवस्था पे शराबबंदी के छोटे और बड़े केसों/मुकदमा का भारी दवाब हो गया है, जिससे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर असर पर रहा है!
4. बिहार के पर्यटन में भारी गिरावट आया है, दूसरे राज्यों और देशों के लोगो ने आना बहुत कम या तो बंद कर दिया है!
5. वित्तीय समस्याओं का सामना – जिनके परिवार के सदस्यों के पास पहले शराब का कारोबार था या जीवनयापन इस व्यवसाय से चलता था उनको भारी तकलीफ उठाना पड़ा है! बिहार में शराब बेचने पर परिवार का बड़ा हिस्सा निर्भर नहीं था।
Sir aaap ke es Hindi article me views kafi hai…aise hi update krte rahiye..Hindi news……